बागेश्वर धाम -Bageshwar Dham Sarkar
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला में "बागेश्वर धाम मंदिर" (Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur) स्थित हैं। यह एक पवित्र स्थान है जहाँ पर बागेश्वर धाम भगवान बाला जी का एक सुप्रसिद्ध मंदिर है इस मंदिर को देखने के लिए दुनियां भर से लोग बहुत भारी संख्या में उपस्थित होते है।
बागेश्वर धाम की मुख्य विशेष बात यह है कि इस मंदिर के दर्शन करने आये श्रद्धालु अपनी अर्जी लगाकर अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करते हैं बागेश्वर धाम सरकार मंदिर के महाराज "श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री " जी टोकन के द्वारा लोगों की समस्याओं का बारी बारी से समाधान हेतु बागेश्वर मंदिर धाम में बालाजी भगवान के सामने सभी लोगों कि अर्जी लगाई जाती है।
नोट:- आप अपने घर बैठे भी अर्जी लगा सकतें हैं। आप टीवी तथा ऑनलाइन के माध्यम से घर बैठे मंदिर के दर्शन और लाइव आरती देख सकते हैं।
बागेश्वर धाम सरकार मंदिर का इतिहास
आज से लगभग 20-30 साल पहले सन 1986 के समय में इस मंदिर को बनवाया गया था तब से यह मंदिर चला आ रहा है। इसके बाद सन 1987 में इस मंदिर पर एक संत का आगमन हुआ जिनका नाम बब्बा जी श्री सेतु लाल जी महाराज था इनसे लोग भगवान दास महाराज भी कहते थे।
इसके बाद महाराज भगवान दास द्वारा सन 1989 के समय में बागेश्वर धाम में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन हुआ था।तब से आते आते सन 2012 में बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ पर श्रृद्धालुओं की समस्याओं के निवारण हेतु दरबार का शुभारम्भ हुआ
महाराज के बारे में
धीरेन्द्र शास्त्री जी महाराज का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा नामक गांव में हुआ। इनके पिता का नाम राम करपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है। इन्होंने अपने बचपन गड़ा गांव में ही बिताया है। इन्होंने अपने जीवन में सबसे पहले अपने दादा से सीखना शुरू किया था जिसका नाम भगवान दास गर्ग था। इन्होंने ही धीरेन्द्र को रामायण और भागवत गीता पढ़ना सीखाया। धीरेन्द्र का परिवार गरीब था।धीरेन्द्र शास्त्री जी महाराज के दादा श्री भगवान दास जी महाराज ने इस मंदिर का निर्माण कराया था।
धीरेन्द्र कृष्ण ने आर्थिक दृष्टि से कई अचड़नों का सामना किया है। इन्होंने अपना जीवन गरीबी में बिताया है। इनकी शिक्षा भी 8वीं तक सरकारी स्कूल में की है। आगे की पढ़ाई करने के लिए ये पास के गांव गज पैदल ही स्कूल में जाते थे औ जब 12वीं कक्षा भी उत्तीर्ण हो गई तो इन्होंने कॉलेज में बी ए के लिए दाखिला करवाया लेकिन रेगुलर पढ़ाई करना इनके लिए संभव नहीं था इसलिए इन्होंने प्राइवेट ही स्नातक स्तर की पढ़ाई की।
इनके सारे मित्र अच्छे कॉलेजों में पढ़ते थे लेकिन इन्होंने कभी उन पर ध्यान नहीं दिया। इनके जीवन के आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए इन्होंने अपने परिवार का पालन पोषण भिक्षा मांगकर किया था। ये पंडित थे इसलिए भिक्षा मांगना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी।
धीरेन्द्र कृष्ण परिवार के सबसे बड़े बेटे थे।
इनके दो भाई और एक बहन है। बड़े होने के कारण परिवार की सारी जिम्मेदारी इन पर ही थी। इनके पिता बहुत कम काम करते थे। इसलिए इनको ही आगे बढ़कर काम करना पड़ता था। बाद में इन्होंने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना शुरू कर दिया। इससे इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा। दादा जी बालाजी का दरबार लगाते थे और मंदिर में बहुत सारा चढ़ावा आता था लेकिन इन्होंने कभी भी इन पैसों का उपयोग घर खर्च के लिए नहीं किया।
फिर ये भी मथुरा चले गए वहां पर उन्होंने शिक्षा दीक्षा ली और 2014-2015 के आसपास वापस अपने गांव लौट आए गांव लौट का सर्वप्रथम उन्होंने बागेश्वर धाम पर बाला जी सरकार की सेवा करने का प्रयास किया। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने भागवत कथा को सुनाने का प्रयास किया जिसमें भी वे धीरे-धीरे सफल हुए । भागवत पुराण सुनाने के साथ -साथ उन्होंने बागेश्वर धाम पर ही चमत्कारी दरबार लगाना शुरू कर दिया। इन्होंने 9 वर्ष के उम्र में हनुमान जी की पूजा करनी शुरू कर दी थी।
दरबार के माध्यम से बाला जी सरकार की ऐसी कृपा हुईयकि बागेश्वर धाम में आने वाले समस्याओं से पीड़ित लोगों की समस्याओं का निवारण हुआ । लोग धीरेन्द्र कृष्ण को हनुमान जी का अवतार मानते है। हनुमान जी का ये मंदिर कई वर्षों पुराना है और धीरेन्द्र कृष्ण की पिछली 3-4 पीढ़ियां इस मंदिर में पूजारी रही है।
धीरेन्द्र कृष्ण जी के दादा जी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। इस दरबार में काफी सालों से विशाल दरबार लगता है और लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु आते है।
बागेश्वर धाम सरकार मंदिर कैसे जाएँ:-
1- ट्रेन
दिल्ली से मध्य प्रदेश के भोपाल तक बहुत सारी ट्रेने चलतीं हैं एक ट्रेन दिल्ली स्टेशन से सीधे मध्य प्रदेश, छतरपुर के लिए चलती है ट्रेन से यात्रा ख़त्म होने के बाद आपको बस या प्राइवेट टैक्सी की सहायता से आप मंदिर तक पहुँच जायेंगे अगर आप टैक्सी से जायेगे तो टैक्सी बाला आपको खजुराहो पन्ना रोड से ले जाकर आपको गंज के गडा गाँव में छोड़ देगा जहाँ से आप 3 km पैदल चलकर बागेश्वर मंदिर पहुच सकते है।
2- बस, कार या सड़क मार्ग से
अगर आप सड़क मार्ग से मंदिर जाने कि सोच रहे हैं। तो पहले आप अपने नजदीकी बस स्टैंड पर जाकर पूंछ लें कि यहाँ से कोई बस मध्य प्रदेश छतरपुर के लिए सीधी चलती है क्या? और नहीं चलती है तो पहले आपको लखनऊ बस से पहुचना होगा और उसके बाद लखनऊ से भोपाल की यात्रा करनी होगी।
अगर आप अपनी कार से बागेश्वर धाम की यात्रा करते हैं तो आपके पास आल इंडिया परमिट से सम्बंधित कागज होने चाहिए और आपके वाहन में फ़ास्ट टैग लगा होना चाहिए। आप यात्रा के लिए गूगल लोकेशन की सहयता ले सकते हैं।
3- हवाई मार्ग
अगर आप हवाई मार्ग से बागेश्वर धाम कि यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बागेश्वर धाम का सबसे नजदीक एअरपोर्ट खजुराहो एअरपोर्ट कि टिकिट बुक करानी होगी। अगर आप ऐसे शहर में रहते हैं जहाँ से आपको खजुराहो की डायरेक्ट फ्लाइट नहीं मिल पाती है तो फिर आप ग्वालियर एअरपोर्ट तक फ्लाइट यात्रा कर उसके बाद खजुराहो एअरपोर्ट तक यात्रा कर सकते हैं।
बागेश्वर धाम में टोकन क्या हैं?
बागेश्वर धाम के दर्शन करने आये श्रृद्धालुओं को मंदिर की सेवा समिति की तरफ से एक टोकन जारी किया जाता है टोकन प्राप्त करने के लिए आपको सबसे पहले सेवा समिति के लोगों को अपना नाम पता और मोबाइल नंबर देना होगा। टोकन प्रत्येक महीने की एक निर्धारित तारीख को बांटे जाते है ये तारीख सेवा समिति के कर्मचारियों निर्धारित की जाती है।
घर बैठे बागेश्वर धाम में अपनी अर्जी लगायें
आप अपने घर पर बैठे हुए भी आप अपनी अर्जी बागेश्वर धाम मंदिर में पुजारी धीरेन्द्र कृष्ण के द्वारा बताई गई निम्न विधि से लगा सकते हैं।अर्जी लगाने के लिए आप सबसे पहले लाल कपडा लें और फिर लाल कपडे को सूखे नारियल के चारों ओर लपेटना है लाल कपडा लपेटते समय आप अपनी अर्जी के वारे में सोचें और उसे नारियल से लपेट कर बंध दें इस कपडे से लिपटे नारियल को पूजा के स्थान पर रख दें इसके बाद एक माला लेकर भगवान बागेश्वर धाम का जप करते रहें।
आपको ॐ बागेश्वराय नम: के मंत्र का जाप करना है।
इस प्रकार से आप घर बैठे बागेश्वर धाम सरकार मंदिर में अर्जी लगा सकतें हैं।अगर आपको लगातार सपने में 2 दिन भगवान हनुमान ने वानर के रूप में दर्शन दे दिए तो समझ लें कि आपकी अर्जी बागेश्वर धाम में स्वीकार हो गई।
बागेश्वर धाम सरकार मंदिर की कथा कैसे सुने?
बागेश्वर धाम की कथा आप घर बैठे मुख्यतः 2 प्रकार से देख सकते है
1- यूटयूब चैनल
इन्टरनेट पर ऑनलाइन से आप बागेश्वर धाम सरकार मंदिर के यूटयूब चैनल पर जाकर आप भगवान बागेश्वर धाम सरकार की कथा,आरती और भगवान के दर्शन का अनुभव कर सकते हैं।
2-टीवी
अगर आप बागेश्वर धाम सरकार की कथा और आरती देखना चाहते हैं। तो आप संस्कार और आस्था टीवी चैंनल के माध्यम से देख सकते हैं टीवी चैंनल पर मंदिर के महाराज श्री धीरेन्द्र कृष्ण के द्वारा सही मद भागवत कथा का वाचन किया जाता है। टीवी चैंनल पर लाइव प्रसारण भी क्या जाता है।
बागेश्वर धाम सरकार के कार्यालय का फोन नंबर
8120592371